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वाराणसी में विभिन्न कुटीर उद्योग कार्यरत हैं, जिनमें बनारसी रेशमी साड़ी, कपड़ा उद्योग, कालीन उद्योग एवं हस्तशिल्प प्रमुख हैं। बनारसी पान विश्वप्रसिद्ध है और इसके साथ ही यहां का कलाकंद भी मशहूर है। वाराणसी में बाल-श्रमिकों का काम जोरों पर है।
दास की रचनाओं का एक संग्रह ‘बेलवेडियर प्रेस ‘प्रयाग से प्रकाशित हो चुका है इसके अतिरिक्त इन के बहुत से पद ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ में भी संकलित मिलते हैं।
पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में से एक है। इसकी वजह जाति आधारित राजनीति तथा एक विशाल जनसंख्या है। पूर्वांचल के प्रमुख मुद्दों मे बुनियादी सुविधाओं की कमी, उचित ग्रामीण शिक्षा और रोजगार का अभाव, कानून व्यवस्था को चिह्नित किया गया है। पूर्वांचल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है।
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This segment addresses important demographic figures of Sant Ravidas Nagar, which includes the amount of males and women, small children aged 0–six, complete households, and literacy status in rural and urban regions.
देवरिया जनपद में मुख्य रूप से हिन्दी भाषा बोली जाती है। देवरिया जनपद की कुल जनसंख्या की लगभग ९६ प्रतिशत जनता हिन्दी, लगभग ३ प्रतिशत जनता उर्दू और एक प्रतिशत जनता के बातचीत का माध्यम अन्य भाषाएँ हैं। बोली की बात करें तो ग्रामीण जनता के साथ-साथ अधिकांश शहरी जनता भी प्रेम की बोली भोजपुरी बोलती है। कुल जनसंख्या की दृष्टि से इस जनपद में लगभग चौरासी प्रतिशत हिन्दू, लगभग पंद्रह प्रतिशत मुस्लिम और एक प्रतिशत अन्य धर्म को मानने वाले हैं। इस जनपद की जनता आपस में प्रेम-भाव से रहते हुए सबके दुख-सुख में सहभागी बनती है। या यूँ कहें "देवरिया जनपद रूपी उपवन को हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, बौद्ध आदि पुष्प अपनी सुगंध से महकाते हैं और ये सुगंध आपस में मिलकर पूरे भारत को गमकाती है।"
तेज हवा संग हुई बरसात तो गर्मी से मिली राहत
खराब कर्जा व्यवस्थापन गर्न छुट्टै कम्पनी, नेप्सेको पुनःसंरचना गरिने
उनके इस स्वभाव के कारण उनके माता-पिता उनसे हमेशा नाराज guide रहते थे।
The motion has commenced from your innovative land of Varanasi, now It's not necessarily planning to halt. The wheel of improvement has completely stopped in Purvanchal considering the fact that independence.[10]
पूर्वांचल के महराजगंज जिला को छोड़कर सभी जिले रेलवे से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। प्रयागराज, उत्तर मध्य रेलवे का मुख्य़ालय है जबकि गोरखपुर, पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है।
आगरा • अयोध्या • आजमगढ़ • बरेली • बस्ती • चित्रकूट • देवीपाटन • गोरखपुर • झाँसी • कानपुर • लखनऊ • मिरजापुर • मुरादाबाद • प्रयागराज • सहारनपुर • वाराणसी